झोलाछाप डाॅक्टरों के हौसले बुलंद मरीजों की जान से कर रहे खिलवाड़

बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
गांवों में झोलाछाप डाॅक्टरां की भरमार है। इनके पास न तो कोई डिग्री है और न ही इलाज करने की अनुमति, फिर भी इनकी प्रैक्टिस बेरोक टोक जारी है। इनके गलत इलाज की वजह से कई लोग परेशान है और कइयों की तो जान भी जा चूकी है, लेकिन इसके बाद भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। लवन सहित क्षेत्र के गांव कोरदा, बगबबुड़ा, ढाबाड़ीह, खैंदा, डोंगरीडीह, धाराशिव, सरखोर, अमलीडीह, सिंघारी, मुण्डा, अहिल्दा, मरदा, सिरियाडीह, पैसर, अमलीडीह, कोयदा, भालूकोना सहित अंचल के कई ऐसे गांव है जंहा झोलाछाप डाॅक्टरों की भरमार है। यह डाॅक्टर गांवों में छोटी सी गुमटी में अपना चिकित्सालय बना लेते है और ग्रामीणों को अपने जाल में फंसा लेते है और ग्रामीण भी सस्ते उपचार के चक्कर में इनके चंगुल में फंस जाते है। डाॅक्टरों को तो धरती का भगवान माना जाता है, लेकिन कई डाक्टर ऐसे भी है, जिनके पास न तो मेडिकल की कोई डिग्री है, न ही उनके पास अनुमति है। इसके बाद भी वे मरीजों का इलाज कर रहे है। झोलाछाप डाॅक्टरो के पास ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ज्यादातर पहुंचते है। लवन तहसील मुख्यालय में ऐसे डाॅक्टरों की संख्या करीब 10-15 है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी संख्या 50 से अधिक है। दरअसल झोलाछाप डाॅक्टरों के पास कम खर्च में इलाज हो जाता है। इसके अलावा इनके पास ज्यादा समय भी नही देना पड़ता है। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों के ज्यादातर लोग इनके पास इलाज के लिए आते है। इसी तरह गांव-गांव में भी इन डाॅक्टरों की प्रैक्टिस जमकर चलती है। कई डाॅक्टर तो ऐसे है, जो कई लोगों का इलाज उधारी में भी करते है। इनके परमानेंट मरीज होते है, और 2-3 माह या सालभर में एक बार इनसे इकट्ठा पैसा ले लेते है। इसी तरह जरूरत पड़ने पर घर तक इलाज के लिए जाते है। इन झोलाछाप डाॅक्टरों की दुकान लवन सहित गांव-गांव में खुल गई है। ये लोग गांवों में मरीजो को देखने केे अलावा उनको दवाइयां भी देते है। कई ऐसे मामले भी सामने आए है, जो इनकी दवाइयां खाकर गंभीर संकट में फंस गए। लेकिन प्रशासन व स्वास्थ महकमे ने ऐसे झोलाछाप डाॅक्टरो के खिलाफ अभी तक कार्रवाई करने की कोई पहल नहीं की है। वही, कई झोलाछाप डाॅक्टर ऐसे भी है जो बिना लाइसेंस के दवाओं का भंडारण भी करते है। इन दिनों मौसमी बीमारियों का कहर है। झोलाछाप डाॅक्टरों की दुकाने मरीजों से भरी पड़ी दिखाई देगी। मौसम में परिवर्तन होने से इन दिनों, बुखार, उल्टी, दस्त जैसी बीमारियां ज्यादा हो रही है। लवन सहित अंचल में एक भी बार स्वास्थ विभाग ने स्थाई तौर पर झोलाछाप डाॅक्टरों पर कार्रवाई नहीं की। यह झोलाछाप डाॅक्टर केस बिगड़ने पर अस्पताल में रिफर कर देते है। इन झोलाछाप डाॅक्टरों के द्वारा सभी बीमारियों का इलाज धड़ल्ले से किया जा रहा है।
क्या कहते है बीएमओ
झोलाछाप डाॅक्टरों के खिलाफ मरीज या उसके परिजनों के द्वारा अभी तक शिकायत नहीं किया गया है, यदि परिजनोें के द्वारा शिकायत किया जाता है तो तत्काल इस पर कार्रवाई होगी।
डाॅ. राकेश कुमार प्रेमी, बीएमओ
सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र लवन

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